जाल में फंसा(Trapped in the Web)
स्वाति प्रीति को फोन करती है फोन पर रिंग जाती है लेकिन प्रीति फोन नहीं उठाती है तो फिर स्वामी प्रीति के पापा को फोन करती है प्रीति के पापा बताते हैं प्रीति 10 दिन से लापता है स्वाति पूछता है पर कैसे अपने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है प्रीति के पापा कहते हैं हां बेटा पुलिस को शिकायत की थी वे लोग कह रहे हैं किसी के साथ भाग गई होगी और मुझे नहीं लगता उसे ढूंढने की तलाश करेगी स्वाति कहती है अंकल मैं जल्द ही आपके पास आती हूं फिर मिलकर कुछ करते हैं स्वाति अगले दिन आ जाती है वह प्रीति के पापा को कहती है अंकल प्रीति ऐसा कुछ नहीं कर सकती उसके साथ कुछ गलत हुआ है स्वाति पुलिस को बताती है प्रीति एक लड़के से फोन पर चैटिंग कर रही थी प्रीति आज 15 तारीख को उससे मिलने वाली थी प्रीति के पापा कहते हैं प्रीति उसी दिन से गायब है स्वाति उन्हेंउसे जगह का पता भी देती है अब पुलिस इस केस को एक नई दिशा से सोचती हैऔर पुलिस प्रीति के फोन की लोकेशन ट्रैक करती है उसे लड़केके बारे में भी छानबीन शुरू कर देती है और फिर पुलिसउस जगह पर जाती है जहां प्रति उस लड़के से मिलने जाने वाली थी अभी पुलिस उसे ऑनलाइन वाले लड़के को ढूंढ ही रही है जहां प्रति मिलने गई थी वहां पर एक फोन मिलता है जो प्रीति का होता है पुलिस उसको चालू करवा कर उसकी सारी चैट पड़ती है उसे लड़के के बारे में जो जानकारी लेनी होती है वह लेती है पुलिस को जो लड़के का एड्रेस पता चलता है वह फर्जी होता है वहां उसे लड़के को कोई नहीं जानता है अंत में पुलिस उस लड़के को ढूंढ लेती है वह एक बड़ी उम्र का आदमी होता है जो अपनी पहचान छुपा कर चैट करता था अब पुलिस उसे इंसान की तलाश में लग जाती है पुलिस प्रीति के पापा को बताती हैहमें वह इंसान की जानकारी फोटो मिल गई है जो प्रीति से चैट करता था प्रीति के पापा बोलते हैं क्या मैं वह फोटो देख सकता हूं प्रीति के पापा उसे आदमी को पहचान जाते हैं वह बताते हैं यह गुप्ता जी है हमारे पड़ोस में रहते हैं लेकिन जब से उनकी पत्नी का देहांत हुआ तब से वह घर पर कम रहते हैं घर पर ज्यादातर ताला लगा रहता है पुलिस बिना समय गवाई वहां पहुंच जाती है और गुप्ता जी तब घर पर ही होते हैं पुलिस को देखकर गुप्ता जी डर जाते हैं पुलिस कहती है हमें आपके घर की तलाशी लेनी है गुप्ता जी कहते हैं लेकिन मैंने किया क्या हैअभी 2 घंटे पहले ही आया हूं पुलिस कहती है तुम थोड़ी देर इंतजार करो सब पता लग जाएगा पुलिस तलाशी लेने लगते हैं उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है जब पुलिसकमरे से बाहर निकलने लगती है तब कोई चीज केपीटने की आवाज आती है जो मंडी मंडी होती जाती है जब पुलिस उसे आवाज तक पहुंचती है तो यह आवाज बेड के अंदर से आ रही थी जिसके अंदर प्रीति बंद थी बेड एक तरफ से टूटा हुआ था जहां से आवाज बाहरआ रही थी वहीं से प्रीति के जिंदा रहने के लिए रोशनी और हवा आती थी जब पुलिस बेड खोलती है तो प्रीति की हालत देखकर हैरान रह जाती है प्रीति की हालत बहुत ज्यादा खराब होती है इसकी हालात हाथ पैर हिलाने लायक नहीं है फिर भी वह हिम्मत करके हमें संकेत देती है पुलिस प्रीति को अस्पताल भेज देती है और गुप्ता जी को पकड़ कर ले जाती है गुप्ता जी बार-बार कहते रहते हैं मैं इस लड़कीको लेकर नहीं आया हूं मुझे नहीं पता लड़की मेरे घर में कैसे आई मेरा यकीन करो पुलिस प्रीति के ठीक होने का इंतजार कर रही थी ताकि वह प्रीति का बयान ले सके प्रीति की हालत गंभीर होती है क्योंकि उसके साथ कई बार जबरदस्ती की गई थी उसे मारा पीटा गया था उसके शरीर पर जगह-जगह जलने और काटने के निशान थे उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया था लेकिन कुछ समय बाद प्रीति बयान देने की हालत में आ जाती है वह पुलिस को बताती है उन्होंने कई लड़कियों को पड़कररखा हुआ है वह उन्हें विदेश भेज देते हैं गलत पहचान से ऑनलाइन चैट करते हैं लड़कियों को
फसाते
हैं पुलिस पूछती है वह कितने लोग हैं कितनी उम्र के हैं उनकी पहचान क्या है प्रीतिकहती है वह कभी चार आते थे तो कभी पंच 25 से 30 साल के हैं लड़कियों को विदेश भेजने हैं पैसे कमाते हैं लेकिन पता नहीं मुझे उन्होंने अलग क्यों रखा है क्या उसमें गुप्ता जी भी शामिल है नहीं गुप्ता जी का मकान एकांत में है वहां पर कोई आता जाता नहीं है और बंद पड़ा था इसलिए वे लोग मुझे वहां ले गए सर आप उनलड़कियों को बचा लो हां सर एक आदमी ने किसी को एक फोन नंबर बतायाउसके अलावा मुझे कुछ नहीं पता पुलिस उसे फोन नंबर के पीछे पड़ जाती है पुलिस को पता लग जाता है यह बहुत बड़ा कैसे हैं जब पुलिस अपनी छानबीनशुरू करती है इसमें कई शहर के बड़े-बड़े लोग शामिल होते हैं इस केस की गंभीरता को देखकर पुलिस इसे सीबीआई को हैंडोवर कर देती है सीधे अपनी जांच पर पहुंचती है यह पूरा रैकेट होता है जो लड़कियों को विदेश मेंभेज देता है वहां उनसे कई गलत काम करवाए जाते हैंकई लड़कियों के तो ऑर्गन्स तक बेच दिए जाते हैं पैसे के दम पर लोग उनके किडनी हार्ट आदि खरीद लेते हैं एक फोन नंबर से धीरे-धीरे पूरी चैन खुलने लगी थी सभीजगह से लड़कियों को एक जगह इकट्ठा करके फिर उन्हें विदेश भेज दिया जाता था गैर कानूनी ढंग से इसमें केस में कई लोग पकड़े जाते हैं और कई लोग अपनी पावर का इस्तेमाल करके बच निकलते हैं वह सही होते हैं या गलत पता नहीं और फिर वह लोग भी पकड़े जाते हैं जो प्रीति को गुप्ता जी के मकान लेकर गए थे वह बताते हैं जब हम लड़कियों को अपने जाल में फसाते हैं तो उनमें से एक दो लड़कियों को हम अपने लिए रख लेते हैं यह बेवकूफ लड़कियां चैट में इतनी पागल होती है जहां हर हम बुलाते हैं वहां आ जाती है उसे जगह के बारे में जानकारी भी नहीं लेती हैउन एक दो लड़कियों में से एक लड़की प्रति भी है जब कुछ दिन बाद हमारा मन भर जाता है तो हम शहर के बाहर जो तालाब है उसमें लड़कियों को मारकर फेंक देते हैं और मगरमच्छ उसे खा जाते हैं कोई लाश नहीं मिलती है ना ही कोई जांच होती है इसमें हमने तीन लड़कियों को फेंका है पुलिस उन तीन लड़कियों के बारे में पता करती है और135 लड़कियों कोछुड़ा लेती है जो कई अलग-अलग शहर की होती है प्रीति को इंसाफ मिल गया लेकिन अब प्रीति जिंदा नहीं है अगर प्रति अपनी समझदारी दिखाई उन जगहों के बारे में पता कर लेती उसकी बुलाई जगह पर ना जाकर खुद उसकोसुरक्षित जगह पर बुलाती तो आज प्रीति जिंदा होती लेकिनउसके द्वारा बताए गए फोन नंबर से वह अपनी जैसी 135 लड़कियों की जान बचा लेती है.ऑनलाइन चैटिंग करो लेकिन समझदारी से हर किसी की किस्मत स्वामी जैसी नहीं होती हर लड़का रजत जैसा नहीं होता बहुत से भूखे भेड़िए भी हैं जो घात लगाए बैठे हैं.
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