Scary Night(डरावनी रात )(part 2)
खिड़की बंद करके, सुनीता सोने चली जाती है। अगले दिन, सुनीता के पापा सुनीता से मिलने आते हैं। बहुत देर कोशिश करने के बाद, जब सुनीता दरवाजा नहीं खोलती, तो वे दूसरी चाबी लाकर दरवाजा खोलते हैं। अंदर सुनीता के कमरे को देखकर उनके पापा हैरान हो जाते हैं। क्योंकि कमरे का सारा सम्मान बिखरा हुआ है और सुनीता का गला कटा हुआ होता है। जब पापा सुनीता को देखते हैं, तब तक सुनीता की मौत हो चुकी होती है। सुनीता के पापा दुखी हो जाते हैं। उनको कुछ समझ में नहीं आता है। क्या करें, क्या ना? वे घबराए हुए वह अपने रिश्तेदार को फोन करते हैं। रिश्तेदार आ जाते हैं और मकान मालिक और पुलिस भी आ जाती है। पुलिस सारा मामला समझती है और सुनीता के पापा कहते हैं, "मेरी बेटी को आए अभी 2 दिन ही हुए थे। ऐसा कौन दुश्मन हो गया जिसने मेरी बेटी की जान ले ली?" पुलिस कहती है, "यह चोरी का मामला लगता है। बस बचाव में सुनीता की मौत हो गई होगी।" अभी पुलिस अपनी जांच पड़ताल कर ही रही होती है। सुनीता के पापा कहते हैं, "मुझसे कितनी बड़ी गलती हो गई, जो मैंने सुनीता को यहां पढ़ने के लिए भेज दिया। इससे तो अच्छा होता, मैं सुनीता को वही रख लेता।" अपनी मां की एक-दो कड़वी बात सुनकर, वह तो घर रहने के लिए कहती रहीं, "मैं ही नहीं माना," और उसे यहां भेज दिया। काश मैं उसकी बात सुन ली होती, तो आज सुनीता मेरे पास होती, जिंदा होती। मैं अपनी जीद के कारण अपनी बेटी को खो दिया। जब सुनीता के पापा सुनीता का सामान पैक कर रहे होते हैं, तब उनकी नजर खिड़की के बाहर एक लड़के पर जाती है, जो उनकी तरफ बड़े ध्यान से देख रहा होता है। जब पापा उसकी तरफ देखते हैं, तो वह वहां से भाग जाता है। सुनीता के पापा उसे लड़के के बारे में पुलिस को बताते हैं। सुनीता के पापा वापस घर आ जाते हैं। जब सुनीता की सौतेली मां को पता चला, तो उसे तुम मानो जैसे कि उसकी बेटी के र
ास्ते कांटा ही निकल गया और सारी चीजों पर उसकी बेटी का ही हक होगा। अब अपने पापा की लाडली भी वही होगी। कुछ दिन बाद, सुनीता के पापा को वही लड़का फिर दिखता है और उसके पापा पुलिस को उसे लड़के की खबर देते हैं। पुलिस पूछताछ के लिए आ जाती है। जब पुलिस उसे लड़के के बारे में जानकारी निकलती है, तो सुनीता की बहन का बयान लेती है। तो वह बोलती है कि शायद यह वही लड़का होगा जिसका दीदी के साथ कॉलेज में झगड़ा हुआ था। पुलिस को शक होता है कहीं सुनीता का खून इस लड़के ने तो नहीं किया है अपना बदला लेने के लिए। पुलिस उसे लड़के से पूछताछ करती है। तो पता चलता है कि वह लड़का तो सुनीता से प्यार करता था। जब सुनीता उसे मना कर दिया था, तो वह कभी भी सुनीता से नहीं मिलना ही बात की। कुछ दिन बाद, पुलिस उसे लड़के के बारे में पता लगा लेती है। सुनीता की मां की उसे लड़के से फोन पर असर होती है। पुलिस उसे लड़के को पकड़ कर सारी सच्चाई का पता लगा लेती है। जब पुलिस सुनीता के पापा को सच्चाई बताती है, तो मानव में अंदर से बिल्कुल ही टूट जाते हैं कि उनकी पत्नी ने ही उनकी बेटी की जान ली है। उसने सुनीता के प्रति अपनी नफरत को इतना बड़ा बना लिया कि उसे लड़के के द्वारा सुनीता की जान ले ली। सुनीता के जीवन जैसी डरावनी और नफरत वाले रात कभी किसी के जीवन में ना आए।