Journey of Love: Nisha and Mohan's Story

 Journey of Love: Nisha and Mohan's Story


love bird

एक लड़का जिसका नाम मोहन होता है वह पढ़ाई में बहुत होशियार होता है एक बार वह कॉलेज कीलाइब्रेरी में एक लड़की को देखा है जिसका नाम निशा होता है निशा बहुत समझदार और सुंदर होती है मोहन तो बस

देखता 

ही रह जाता है कुछ समय के बाद निशा वहां से चली जाती है और मोहन वहीं पर ही बैठा रहता है तभी उसका दोस्त वहां आ जाता है जिसका नाम गौरव होता है गौरव मोहन से कहता है क्या हुआ आज तुम्हारा ध्यान पढ़ाई में नहीं है कोई बात हुई है तुम ठीक तो हो ना मोहन गौरव से कहता है यार अभी-अभी यहां pink सूट में जो लड़की गई है ना वह कौन है यार वह मुझे अच्छी लगी गौरव बोला यार तू उसको भूल जा वह तेरे हाथ आने वाली लड़की नहीं है वह यहां पर सिर्फ पढ़ाई करने के लिए आई है इसके अलावा वह कहीं भी ध्यान नहीं देती है उसे सिर्फ अपनी पढ़ाई से ही मतलब है वह अपना पापा का सपना पूरा करना चाहती है उसकी जिंदगी का एक ही मकसद है कि वह अपने पापा का सपना पूरा करें और अपने पापा का नाम रोशन करें मोहन जबभी निशा को देखा तो वह सोचता कि मैं जाकर निशा से बात करूं लेकिन किसी लड़की से अचानक सामने से बात करने की हिम्मत किसी लड़के में नहीं होती है जो ठीक होता है जी बिगड़े हुए होते हैं वह कुछभी कर सकते हैं मोहन हर बार बात करते-करते रुक जाता हैसोचता है कि

 मुझे

ऐसा वैसा लड़का ना समझ ले निशा एक दिन कॉलेज में विज्ञान प्रदर्शनी कर रही होती है जिसमें गौरव की बहन रीना और निशा दोनों साथ होती है वह दोनों सहेली भी होती है कुछ समय बाद गौरव और मोहन भी वहां आ जाते हैं गौरव अपनी बहन रीना से कहता है मुझे कोई काम है मुझे 10 मिनट बाद यहां से जाना है पापा को डॉक्टर के पास लेकर जाना है कोई काम हो तो तू मोहन को कह देना मोहन तुझे घर भी छोड़ देगा मोहन रीना को अपनी बहन मानता था उसकी कोई बहन नहीं थी इसलिए वह रीना को भी बहन मान लेता है रीना मोहन को बोलती है भैया हमारे प्रोजेक्ट की बैटरी

काम 

नहीं कर रही

अब 

रीना मोहन को और भी इज्जत देने लगती है सोचती है कि भैया अपनी मुंह बोली बहन के सामने उसे लड़की की तरफ देख भी नहीं रहे हैं जिसको वह पसंद करते हैं लेकिन निशा मोहन को देखती हैं वह रीना से पूछती है तुम्हारे दो भाई है रीना नहीं यह गौरव भैयाके दोस्त मोहन है जो मुझे बहन मानते हैं मेरे लिए गौरव भैया और मोहन भैया में कोई फर्क नहीं है निशा को भी मोहन अच्छा लगता है उन दोनों की मुलाकात अक्सर लाइब्रेरी में होती है लेकिन कभी बात नहीं होती है एक दिन मोहन और निशा की मुलाकात कैंटीन में होती है जहां पर मोहन और निशा की पहली बार बात होती है धीरे-धीरे उनकी मुलाकात होने लगती है एक दिन मोहन हिम्मत करके निशा को बोल ही देता है कि वह उसे पसंद करता है निशा मोहन को कहती है कि वह भी उसे पसंद करती है लेकिनअभी निशा प्यार शादी के चक्कर में नहीं

 पड़ना चाहती है वह मोहन से कहती है मुझे पापा का सपना पूरा करना है मुझे एक अच्छा इंजीनियर बनना है मेरी जिंदगी का एक मकसद मैं अपने पापा का सपना पूरा कर सकूं और उनका नाम रोशन कर सकूं मैं अपने पापा को कोई दुख नहीं देना चाहती इसलिए जहां पापा कहेंगे मैं

वही शादी करूंगी तुम मुझे माफ कर देना और मेरे लिए मत रुकना तुम भी अपने करियर पर ध्यान देना हताश होकर मत बैठनानहीं मुझे बुरा लगेगा मोहन अगर मैं अपने मन की बात बताऊं तो मैं भी तुमसे प्यार करती हूं लेकिन मैं तुमसे कोई वादा नहीं कर सकती मोहन निशा की बात समझ जाता है उसे दिन के बाद मोहन निशा एक दूसरे को देखते और चले जाते हैं उनकी कभी बात नहीं हुई फिर कॉलेज भी पूरा हो गया तो देखना भी बंद हो गया प्यार तो मोहन और निशा दोनों एक दूसरे से करते थे 3 साल बाद वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर बन जातीहै और मोहन भी अपने पापा की छोटी सी कंपनी को बहुत ऊंचाई तक ले जाता है एक दिन निशा के पापा निशा से पूछते बेटा अब तुम शादी कर लो अगर तुम्हें कोई लड़का पसंद है तो बता दो निशा पापा एक लड़का मोहनजो मेरे साथ कॉलेज में था मैं उसे पसंद करती थी पापा कहते हैं वह लड़का क्या करता है कहां रहता है निशा पापा मुझे नहीं पता वह कहां रहता क्या करता है मुझे उससे मिले

बातें करें 4 साल हो गए हैं पापा मैं आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं करना चाहती इसलिए मैंने उसे लड़के को मना कर दिया था कि मुझे अपने पापा का सपना पूरा करना है इसलिएउसके बाद ना तो मोहन ने मुझसे बात करी और ना मैंने उससे कुछ महीने बाद मोहन और निशा की मुलाकात फिर होती है जब मोहन की कंपनी और जिस कंपनी में निशा काम करती है उसे कंपनी की मीटिंग में दोनों मिलते हैं दोनों कंपनी के बीच में एक डील होती है कुछ समय बाद मीटिंग खत्म होने के बाद सब चले जाते हैं कुछ समय बाद मोहन निशा को फोन करता है तब दोनों मिलते हैं बातें करते हैं दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश होते हैं लेकिन कुछ बोलनेसे पहले मोहन पूछता है निशा तुमने तो अपने पापा का सपना पूरा कर दिया निशा मोहनसे कहती है तुम भी बहुत बड़े बिजनेसमैन बन गए मोहन निशा से तुमने शादी कर ली निशा कहती है नहीं मोहन क्या तुमने कर ली मोहन कहता है नहीं क्या तुम मुझे अभी भी पसंद करते हो क्या मुझे अभी से भी शादी या प्यार करते हो मोहन कहता है हां निशा तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया और निशा भी हां कहती है मैं भी तुमसे प्यार करती हूं दोनों बात करते हैं कि हम अपने अपने मम्मी पापा को बतादेना चाहिए कि हम एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं निशा कहती हैं मैं पापा से बात करूंगी जब हमेशा घर जाती है तो पापा बहुत खुश होते हैं और निशा भी बहुत खुश होती है कि मोहन के बारे में पापा से बात करेगी पापा निशा को बोलते हैं बेटा मैं तेरे लिए रिश्ते की बात की है वह लोग संडे को आ रहे हैं तुम्हें देखने के लिए अब निशा पापा को मन की बात नहीं कर पाई और निशा का दिल टूट जाता है कि वह अपने प्यार को पाते पाते रह गई मोहन को कॉल करके कहती है पापा ने मेरे रिश्ते की बात की है वह संडे को देखने आ रहे हैं मोहन कहता है मेरे मम्मी पापा ने मेरे लिए लड़की देख रखी है वह उसे ही मेरी शादी करना चाहते हैं निशा कहती है ठीक है तो तुम उसे लड़की से शादी कर लो फोन रख देता हूं निशा उदास हो जाती है संडे को निशा के पापा उनके आने का इंतजार करते हैं तभी रीना निशा की सहेली आ जाती है रीना रहती है तुम आज के दिन उदास क्यों है आज तो तुझे खुश होना चाहिए आज तुम्हारा रिश्ता होने वाला है जब तुम लड़के को देखोगी तो तुम मना नहीं कर पाओगी तुम खुशी से पागल हो जाओगी निशा यारमुझे परेशान मत कर थोड़ी देर बाद लड़के वाले आ जाते हैं निशा जब लड़के को देखती हैं तो हैरान रह जाती है यह लड़का और कोई नहीं मोहन ही होता है निशा की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहता है मोहन को तो पहले से ही पता था कि वह निशा के घर जा रहा है क्योंकि रीना भी निशा के पापा को मोहनके घर लाई थी निशा और मोहन के रिश्ते की बात करने के लिए हमेशा रीना तुझे सब पता था और तुमने फिर भी मुझे कुछ नहीं बताया रीना यार हम सब तुझे सरप्राइस देना चाहते थे इसलिए निशा पापा आपको मोहन के बारे में कैसे पता लगा रीना से तुमने भी नहीं बताया मुझे तो पापा और रीना ने मना किया इसलिए नहीं बताया मोहन और निशा ने प्यार से ज्यादा अपने सपनों के बारे में सोच और दोनों कामयाब भी हुए दोनों एक दूसरे से सच्चा प्यार करते थे इसलिए 4 साल बाद भी बिना किसी कांटेक्ट के मिल गए जब प्यार सच्चा हो तो राह अपने आप बन जाती है प्यार दोनों को सपना पूरे करने का हौसला देता है और कामयाबकरता है अब दोनों एक दूसरे के साथ प्यार से रहे हैं. 


Prateek

MY self Prateek tanwar, in 2026 I'll complete my graduation with B.Sc Non Medical.

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