दो भाइयों की कहानी
राज एक गरीब परिवार का लड़का होता है उसके दो बहन भाई होते हैं राज सबसे बड़ा होता है कुछ समय पहले ही उसके पिता का निधन हो जाता है अब घर की सारी जिम्मेदारी राज पर आ जाती है राज और उसके बहन भाई अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं जो अब मुश्किल हो जाता है क्योंकि पढ़ाई तो सरकारी स्कूल में हो जाती है लेकिन और भी खर्च होते है इसलिए राज सोचता है पढ़ाई और घर खर्च चलाने के लिए काम तो करना होगा राज और उसकी मां घर चलाने में लग जाते हैं राज पढ़ाई और काम साथ करता है और अपने बहन भाई की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखता है वह अपने बहन भाइयों को पढ़ाई के अतिरिक्त और कोई काम नहीं करने को देता है उसके बहन भाई भी पढ़ाई अच्छे से करते हैं उनके नंबर भी अच्छे आते हैं लेकिन राज केवल पास ही हो पता है राज की मां बोलती है बेटा तू भी अच्छे से पढ़ाई करके कोई नौकरी लग जा ताकि हमारे आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके राज अपनी पूरी मेहनत से पढ़ाई करता है ताकि वह आगे पेपर दे सके अब राज एक जगह पर काम लग जाता है उसे 8 घंटे काम करना पड़ता है अब वह रात को अपनी पढ़ाई अच्छे से करता है वह बहुत से कंपटीशन पेपर देता है लेकिन उसमें पास नहीं हो पता है वह अपनी बहन को B.ed करवाता है अब नौकरी लगने के केवल एक साल रह जाता है रात को सोचता है अगर अब पास नहीं होगा तो मुझे कभी नौकरी नहीं मिलेगी उसे समय फोर्स और पुलिस की नौकरी निकली होती है अतः राज अपनी पूरी मेहनत और लगन से अपने पेपर की तैयारी में लग जाता है राज दिन में तो काम करता और रात को पढ़ाई करता है जो भी उसे रात को इतनी मेहनत करते हुए देखा है वह भी कहता है राज एक दिन अपने मां-बाप का नाम रोशन करेगा अंत उसकी मेहनत का फल उसे मिलता है वह पेपर में पास हो जाता है लेकिन अभी नौकरी मिलना इतना आसान नहीं था वह फिजिकल और इंटरव्यू की तैयारी में लग जाता है कुछ समय बाद राज को नौकरी मिल जाती है राज अब भाई को पढ़ने के लिए दूसरे शहर भेज देता हैऔर कुछ साल बाद अपनी बहन की शादी भी कर देता है राज का भाई राज से भी बड़ा अफसर बन जाता है राज के भाई का उठना बैठना हाई सोसाइटी में होता है उसे अब अपनी मां और भाई से मिलने में शर्म आती है और वह उनसे दूरी बना लेता है अब राज भी शादी कर लेता है और उसकी मां आराम से अपना समय गुजरती है राज की बहन भी राज के पास ही आती वह अपने छोटे भाई के पास नहीं जाती है क्योंकि छोटा भाई कभी भी उसके फोन पर बात नहीं करता है राज की बहन को अपने छोटे भाई के बारे में सोच कर बहुत दुख और हैरानी होती है कि वह कितना बदल गया जिस बहन के बिना वह खाना नहीं खाता था आज उसकी खबर भी नहीं लेता है कुछ समय बाद राज की मां बीमार हो जाती है उसे इलाज के लिए 10 लख रुपए की जरूरत होती है जो उसके पास नहीं है वह अपने कमाई लोन चुकाने में लगा देता है जो बचता है उसे घर चलता है उसने बहन की शादी और भाई की पढ़ाई के लोन लिए जो लोन लिया उसे पूरा करने में कोई पैसा जमा नहीं कर पता है राज अपने भाई के पास फोन करके मन के इलाज के लिए पैसे मांगता है उसका भाई कुछ समय का नाम लेकर फोन रख देता है जब राज के भाई का फोन नहीं आता है तो राज अपने भाई के पास जाता है ताकि वह मां के इलाज का इंतजाम कर सके लेकिन उसका भाई साफ मना कर देता है मैं कोई पैसा नहीं दे सकता मैं आप लोगों से कुछ नहीं लिया है मैं तो मां के मकान में भी है नहीं रहता उसमें तो आप रहते हो मां की संपत्ति का इस्तेमाल आप कर रहे हो आप ही मां का इलाज करवाओ मैं आपको कोई पैसा नहीं दे सकता जब राज की मां को इस बात का पता लगता है तो उसे बहुत दुख होता है कि मेरा एक बेटा जिसके पास सब कुछ है पर अपनी मां का इलाज नहीं करवाता है दूसरा जिसके पास कुछ भी नहीं है वह इलाज करवाना चाहता है अंत राज अपनी मां के इलाज के लिए अपना मकान बेच देता है और किराए में रहने लगता है उसकी मां ठीक होकर घर आ जाती है कुछ समय बाद राज का भाई भी अपनी मां का हाल-चाल पूछने आता है तो राज की मां कहती है मेरा एक बेटा है तू कौन है और मेरे पास क्यों आया है यह सब सुनकर राज के भाई को दुख होता है और कहता है मां कैसी बात कर रहे हो मैं आपका बेटा हूं मां कहती है आज तुझे याद आ गया मैं तेरी मां हूं पहले तो तू अपने पैसे बचाने के लिए मां को करने छोड़ दिया रात अगर मकान बेचकर मेरा इलाज नहीं करवाता तो आज तू मेरे मरने पर रोता होता राज तेरे जैसा मतलबी होता तो आज मैं मर गई होती आज जो कुछ भी तू है इतना अफसर जो बना है वह राज के कारण बना है तुझे तो उसका एहसान मानना चाहिए अगर वह तुझे ना पढ़ता तो तू इतना बड़ा अफसर नहीं बल्कि कहीं मजदूरी कर रहा होता तो तुझे पता चलता अब राज के भाई को अपनी गलती का एहसास होता है और वह अपनी मां भाई से माफी मांगता है वह राज को पुश्तैनी मकान दिलवा देता है अब राज और उसका भाई आपस में मिलकर रहते हैं और अपनी मां का अच्छे से ध्यान रखते हैं यह सब जानकर उसकी बहन भी बहुत खुश होती है राज और उसके भाई का एक दूसरे के घर आना-जाना होता रहता है त्यौहार भी एक जगह ही मानते हैं उसकी मां को अपने बेटे को ऐसा खुश देखकर बहुत खुशी होती है.
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